Second Hand iPhone: आज आईफोन हर किसी का पर्सनल फोन बन चुका है जिसको देखो उसी के हाथ में आज आईफोन देखने को मिलता है आज आईफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है आजकल ऑनलाइन की दुनिया में आईफोन एक ऐसे मजबूत और भरोसेमंद फोन में निवेश करना समझदारी है इसी कारण लोगों की पहली पसंद आईफोन बन चुका है लेकिन हर कोई इंसान नया iPhone नहीं खरीद सकता इसलिए बहुत से लोग सेकंड-हैंड iPhone खरीदते हैं इसी कारण पुराने iPhones की मांग बढ़ चुकी है अगर आप भी पुराना iPhone खरीदने की सोच रहे हैं तो ये 6 चीज़े जरूर चेक करें ले, वरना बाद में पछताना पड़ेगा
Second Hand iPhone सेकेंड हैंड आईफोन खरीदने से पहले आपको ये बातें ध्यान रखनीं होगी।
सबसे पहली बात यह है कि भरोसेमंद सेलर से ही खरीदें
आजकल आईफोन को लेकर बहुत ज्यादा धोखाधड़ियां चल रही है दिखाने को कुछ होता है और अंदर से कुछ होता है बहुत से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ऊपर फोन खरीदे बेचे जाते हैं उनसे सावधान रहना चाहिए ऑनलाइन बहुत सारे ऑफर्स और डील्स दिखती हैं लेकिन धोखाधड़ी भी उतनी ही आम है ऐसे में Amazon, Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म से ही खरीदें वह सभी चीज जैसे ग्राहक रिव्यू देखे रिटर्न पॉलिसी देखें और अगर कीमत बहुत कम लगे तो सावधान हो जाएं। इतना तो आपको ही पता है कि अगर फोन कोई सस्ते में दे रहा है तो क्यों दे रहा है इसलिए सावधान हो जाएं और फोन की सारी जानकारी देखकर ही ले।
बैटरी की कंडिशन क्या है यह सबसे पहले देखें
आईफोन में सबसे ज्यादा बैटरी को ही देखकर ही फोन लिया जाता है की बैटरी कितनी पर्सेंट है ज्यादातर पुराने फोन की बैटरियां पहले इस्तेमाल की जा चुकी होती हैं Apple द्वारा सर्टिफाइड iPhones में नई बैटरी और चार्जिंग केबल के साथ एक साल की वॉरंटी भी मिलती है इसलिए यह चीज वारंटी के साथ लेनी चाहिए और काम ज्यादा का चक्कर नहीं देखना चाहिए दूसरे विक्रेताओं की शर्तें अलग हो सकती हैं इसलिए खरीदने से पहले पूछना ज़रूरी है आईफोन के अंदर बैटरी की सबसे ज्यादा प्रॉब्लम होती है इसलिए बैटरी का बैकअप देखकर ही आईफोन को खरीदना चाहिए।
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फोन का ग्रेडिंग सिस्टम क्या है यह भी देखें।
आजकल हर एक प्लेटफार्म को देखकर पता चल जाता है कि यह कैसा प्लेटफार्म है उसे प्लेटफार्म के रिव्यू और रेटिंग से पता चल जाता है कि इसकी क्या कंडीशन है किस प्रकार के चीजों को अच्छे तरीके से मैनेज करता है हर प्लेटफॉर्म पुराने फोन की स्थिति को रेटिंग या ग्रेडिंग के जरिए बताता है जैसे “Like New”, “Very Good” या “Good”. इससे आपको पता चलेगा कि डिवाइस में कितना घिसाव है और उसकी हालत कैसी है इसे आपको अंदाजा लग जाता है की प्लेटफार्म पर कितने लोगों ने विकसित किया है और कितने लोगों को अच्छा लगा है और कितने लोग संतुष्ट है और कितने लोग संतुष्ट नहीं है यह सभी जानकारी आपको यहां मिल जाती है इसलिए यह जानकारी भी देखकर ही फोन को खरीदना चाहिए।
iPhone के बहुत पुराने मॉडल नहीं खरीदने चाहिए।
आईफोन के बहुत पुराने मॉडल के फोन नहीं खरीदने चाहिए बहुत पुराने फोन को मार्केट में कोई नहीं पूछता है और ना ही इनका स्पेयर पार्ट्स वगैरह मिलते हैं ऐसा में वो फोन चुनें जो अधिकतम 3पीढ़ी पुराना हो। 3–4 साल से ज्यादा पुराने iPhones को लेने से बचें क्योंकि नए iOS अपडेट उनमें सपोर्ट नहीं करेंगे ना ही वह अपडेट होते हैं और चलने में भी बहुत ज्यादा प्रॉब्लम आने लगती है। इसलिए सस्ते के चक्कर में हमें ज्यादा पुराने फोन नहीं खरीदने चाहिए और पुराने फोन से बचना चाहिए हमें नए मॉडल के फोन खरीदने चाहिए जिनकी मार्केट के अंदर खूब डिमांड हो और चलने में भी अच्छे हो।
फोन पानी में भिगा है इसकी भी जांच करें
कई बार फोन पानी के अंदर अभी गिर जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि यह फोन पानी के अंदर गिरा हुआ है कि नहीं इसलिए iPhone में Liquid Contact Indicator (LCI) नाम की एक चीज़ होती है जिसे पता चल जाता है कि फोन पानी के संपर्क में आया है या नहीं यह हमारे सिम कार्ड स्लॉट के पास होती है बहुत ही छोटी सी होती है जिसको देखने के लिए लाइट या टोर्च की जरूरत होती है टॉर्च की मदद से देखें—अगर वह सफेद या सिल्वर है तो फोन सुरक्षित हैं लेकिन अगर लाल है तो फोन को पानी मैं भीगा हुआ है इसलिए यह चीज देखकर भी हमें फोन को खरीदना चाहिए और बचना चाहिए ऐसे भीगे हुए फोन को खरीदने से। लेकिन कुछ फोन वाटरप्रूफ होते हैं उनके अंदर ऐसी प्रॉब्लम आपको देखने को नहीं मिलेगी।
Second Hand iPhone का मार्केट में क्रेज
आईफोन का आज के दिन मार्केट के अंदर खूब दबदबा बना चुका है और इसका क्रेज बढ़ता ही जा रहा है लोगों के अंदर आईफोन के प्रति बहुत ही तेजी से भावनाएं बढ़ रही है और जिसको देखो उसी के हाथ में आईफोन देखने को मिलता है हर युवा और बूढ़े के हाथों में भी आईफोन देखने को मिलता है CCS Insight के अनुसार सेकंड-हैंड iPhones की हिस्सेदारी 55% से ज़्यादा है Samsung इस सूची में दूसरे नंबर पर है जिसकी हिस्सेदारी करीब 19% है इसका मतलब है कि iPhone सेकंड-हैंड बाजार में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला ब्रांड है और लोगों के अंदर आईफोन से बढ़कर कोई भी फोन को महत्व नहीं दिया जा रहा क्योंकि इसके अंदर सबसे ज्यादा डाटा की सेफ्टी रहती है दूसरी और इसके अंदर से डाटा कोई चोरी नहीं कर सकता इसीलिए मार्केट के अंदर इन दोनों के डिमांड सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है और लोगों की पसंद बनती जा रही है।